Maa Aur Beta Hindi Story - माँ और बेटा हिंदी स्टोरी

बहुत साल पहले एक गांव में, एक माँ और एक बेटा रहते थे। बेटा अभी छोटा था, इसलिए घर पे ही खेलता कूदता था। उसकी हरकते कुछ ठीक नहीं थी। माँ कही भी कुछ पैसे रखती तो, वो निकाल लेता था। यह देख माँ कुछ कहती नहीं थी। - Maa Aur Beta


Maa Aur Beta Hindi Story

Maa Aur Beta Hindi Story

बेटा जब बड़ा हुआ तो स्कूल जाने लगा। स्कूल से किसी का पेन, पेंसिल या बुक उठा के ले आता था। लेकिन, माँ उससे कुछ नहीं पूछती थी की ये किसका है और कहाँ से लाया। ऐसा ही बहुत समय तक चलता रहा।

जब वह बड़ा हो गया, फिर भी उसका आदत नहीं गया। उसको साथी संग भी वैसे ही मिले। धीरे-धीरे उसका हरकते बढ़ता गया।

एक बार, वह किसी बड़ी चोरी में पकड़ा गया। पकड़ने के बाद उसे जेल में बंद कर दिया गया। कुछ समय के बाद, उसका कोर्ट में पेशी हुआ। कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।

उसे जेल में बंद कर दिया गया। उसको अपनी माँ की याद आई। उसने अपनी माँ को मिलने को बुलवाया। माँ उससे मिलाने आई। माँ को देखते ही कहा - मुझे तुमसे कुछ कहना हैं।

माँ - कहो, क्या कहना हैं?

बेटे ने कहा - मुझे तुम्हारे कान में कहना हैं। तुम अपना कान मेरे पास लाओ।

माँ और बेटा हिंदी स्टोरी

माँ जैसे ही अपना कान बेटे के पास की, बेटे ने माँ का कान दांत्त से काट लिया। माँ रोने चिल्लाने लगी।

बेटा बोला - तुम बचपन में मुझे डाटती या ये सब पूछती की, मैं ये सब कहाँ से लाता हूँ। तो मैं आज इस जेल के चार दीवारी के अंदर नहीं होता।

हमारे घर पे बच्चे कभी जेब से पैसे निकाल ले, तो हमे खुश नहीं होना चाहिए। कभी घर में ही ऐसा होता हैं की, कोई  किसी कारण गिर जाते हैं तो बच्चे उसका मजाक उड़ाते हैं। उसके इस मजाक उड़ाने में हम शामिल हो जाते हैं, जिससे बच्चे को प्रोत्साहन मिलता हैं, वो चीज करने का। जिससे उसकी आदते और बिगड़ती जाती हैं।

ये तो सिर्फ एक उदाहरण के तौर पे हैं। और बहुत सी ऐसी बातें हो सकती हैं, जो रोज होती है। जिसे हम अनदेखा कर देते हैं। ऐसा भी नहीं है, की हमे बच्चे को मरना हैं या डाटना हैं। उसे समझाना हैं, क्योकि बच्चे को पता नहीं हैं की क्या अच्छा है और क्या बुरा हैं। प्रेम से समझाए।

 

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